भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने एक बार फिर अपनी फिटनेस से सबको चौंका दिया है। 38 वर्षीय रोहित ने न केवल ब्रोंको टेस्ट बल्कि लोकप्रिय यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया है। यह टेस्ट बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आयोजित हुए थे, जहाँ कई अन्य प्रमुख खिलाड़ियों – शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और यशस्वी जायसवाल – ने भी सफलता पाई।
ब्रोंको टेस्ट क्या है? क्यों है इतना मुश्किल?
ब्रोंको टेस्ट क्रिकेटरों के लिए बनाया गया एक कठिनतम फिटनेस टेस्ट है। इसमें मैदान पर चार कोन्स 0, 20, 40 और 60 मीटर की दूरी पर लगाए जाते हैं। खिलाड़ियों को पहले 20 मीटर तक दौड़ना और लौटना, फिर 40 मीटर तक दौड़ना और लौटना, फिर 60 मीटर तक दौड़ना और लौटना होता है। ये पूरा पैटर्न एक सेट कहलाता है, जिसमें कुल 240 मीटर कवर होते हैं। ऐसे 5 सेट नॉन-स्टॉप दौड़ने होते हैं, मतलब कुल दूरी हो जाती है 1200 मीटर।
बीसीसीआई ने क्यों किया ब्रोंको टेस्ट लागू?
आज का क्रिकेट बहुत तेज और फिटनेस-आधारित हो चुका है। ब्रोंको टेस्ट, जो पहले से ही रग्बी दुनिया में लोकप्रिय था, अब भारतीय क्रिकेट में भी फिटनेस का नया मापदंड है। यह खिलाड़ियों की कार्डियोवैस्कुलर क्षमता, स्टैमिना और मानसिक मजबूती की पूरी परीक्षा लेता है—ठीक वैसे ही जैसे मैच के दौरान बार-बार डायनामिक रनिंग और फील्डिंग में होती है।
भारतीय खिलाड़ियों की शानदार फिटनेस उपलब्धि
रोहित शर्मा के साथ कई खिलाड़ियों ने ब्रोंको और यो-यो टेस्ट पास किया। यह भारतीय टीम की फिटनेस संस्कृति में बड़ा बदलाव दिखाता है।
खिलाड़ी | स्थिति |
---|---|
रोहित शर्मा | पास |
शुभमन गिल | पास |
जसप्रीत बुमराह | पास |
मोहम्मद सिराज | पास |
वाशिंगटन सुंदर | पास |
शार्दुल ठाकुर | पास |
यशस्वी जायसवाल | पास |
ब्रोंको बनाम यो-यो टेस्ट: अंतर
जहाँ ब्रोंको टेस्ट खिलाड़ी की सहनशक्ति और दिशा बदलने की क्षमता को परखता है, वहीं यो-यो टेस्ट उनकी स्पीड और रिकवरी टाइम का आकलन करता है। दोनों ही टेस्ट मिलकर खिलाड़ियों की संपूर्ण फिटनेस का अंदाजा देते हैं।

निष्कर्ष
ब्रोंको टेस्ट ने भारतीय क्रिकेट में फिटनेस के स्तर को नई ऊँचाई पर पहुंचाया है। रोहित शर्मा और बाकी खिलाड़ियों की लगन और तैयारी टीम के भविष्य के लिए बेहद शुभ संकेत है। यह साफ दिखाता है कि BCCI अब सिर्फ स्किल नहीं बल्कि एलीट लेवल फिटनेस को भी प्राथमिकता दे रहा है।