नवरात्रि भारत का पावन पर्व है, जो शक्ति, भक्ति और साधना का उत्सव है। इन नौ दिनों में नवदुर्गा अर्थात देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। हर देवी रूप एक विशेष शक्ति, सद्गुण और संदेश का प्रतीक है। इनकी पूजा से भक्तों को साहस, शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

नवदुर्गा कौन हैं?
“नवदुर्गा” का अर्थ है दुर्गा माता के नौ रूप। नवरात्रि की नौ रातों में प्रत्येक दिन एक स्वरूप की पूजा की जाती है। इन देवी रूपों की साधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, ज्ञान और समृद्धि आती है।
दुर्गा देवी के नौ स्वरूप और उनके मंत्र
1. शैलपुत्री
- पर्वतराज हिमालय की पुत्री।
- हाथ में त्रिशूल और कमल।
- साहस और साधना की शुरुआत का प्रतीक।
👉 मंत्र: ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
2. ब्रह्मचारिणी
- तपस्या और संयम की देवी।
- हाथ में जपमाला और कमंडल।
- आत्मअनुशासन और भक्ति का मार्ग।
👉 मंत्र: ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
3. चंद्रघंटा
- मस्तक पर अर्धचंद्र की घंघरू-सी आकृति।
- भय और नकारात्मकता का नाश करती हैं।
- साहस और सौंदर्य प्रदान करती हैं।
👉 मंत्र: ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
4. कूष्मांडा
- सृष्टि की रचयिता शक्ति।
- उनके तेज से ब्रह्मांड उत्पन्न हुआ।
- आनंद और नई शुरुआत का स्वरूप।
👉 मंत्र: ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
5. स्कंदमाता
- भगवान कार्तिकेय की माता।
- गोद में पुत्र स्कंद को धारण करती हैं।
- मातृत्व और रक्षा का प्रतीक।
👉 मंत्र: ॐ देवी स्कंदमातायै नमः
6. कात्यायनी
- ऋषि कात्यायन की पुत्री।
- हाथ में तलवार धारण करती हैं।
- अन्याय और अधर्म का नाश करती हैं।
👉 मंत्र: ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
7. कालरात्रि
- काले वर्ण की उग्र देवी।
- अंधकार और दुष्ट शक्तियों का नाश करती हैं।
- मोक्ष की दात्री।
👉 मंत्र: ॐ देवी कालरात्र्यै नमः
8. महागौरी
- श्वेत वस्त्रों में सुसज्जित।
- पवित्रता, क्षमा और सौम्यता का स्वरूप।
- शांति और समृद्धि की देवी।
👉 मंत्र: ॐ देवी महागौर्यै नमः
9. सिद्धिदात्री
- सभी सिद्धियों की दात्री।
- कमल पर विराजमान।
- ज्ञान और आध्यात्मिक पूर्णता का स्वरूप।
👉 मंत्र: ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
नवरात्रि में नवदुर्गा की पूजा का महत्व
- आध्यात्मिक साधना: हर देवी रूप हमें साहस से ज्ञान तक की यात्रा कराता है।
- मानसिक संतुलन: भय को शांति, क्रोध को न्याय और अज्ञान को ज्ञान में बदलता है।
- सामाजिक जुड़ाव: व्रत, भजन और सामूहिक पूजा से समाज और भक्ति का संगम होता है।
नवदुर्गा पूजा विधि
- प्रतिदिन देवी का ध्यान और आराधना।
- मंत्र जाप – “ॐ दुं दुर्गायै नमः” या देवी के विशेष मंत्र।
- व्रत और ध्यान से मन-शरीर की शुद्धि।
- पुष्प, फल, नारियल और प्रसाद का भोग अर्पित करें।