ग्वांगजू, दक्षिण कोरिया में आयोजित World Archery Championship 2025 में भारतीय तीरंदाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। टीम ने कंपाउंड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता और व्यक्तिगत मुकाबलों में ऋषभ यादव, अमन सैनी और प्रथमेश फुगे ने क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर भारत को गर्व का पल दिया।
World Archery Championship 2025: प्रतियोगिता का परिचय
World Archery Championship 2025 का आयोजन ग्वांगजू, दक्षिण कोरिया में हुआ, जहाँ विश्वभर के श्रेष्ठ तीरंदाजों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता केवल पदक जीतने का मंच ही नहीं, बल्कि ओलंपिक क्वालीफिकेशन और वैश्विक रैंकिंग के लिहाज़ से भी बेहद अहम है।
भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत: टीम गोल्ड मेडल
भारतीय कंपाउंड टीम ने इतिहास रचते हुए टीम गोल्ड मेडल जीता। यह उपलब्धि भारतीय तीरंदाजी की बढ़ती शक्ति को दर्शाती है और खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई पर ले गई है।
ऋषभ यादव, अमन सैनी और प्रथमेश फुगे: क्वार्टर फाइनल में चमकते सितारे
ऋषभ यादव ने टीम गोल्ड जीतने में अहम भूमिका निभाई और मिश्रित टीम स्पर्धा में ज्योति सुरेखा वेन्नम के साथ सिल्वर मेडल भी जीता। अमन सैनी ने फ्रांस के जीन फिलिप बौलच को शूटऑफ में 144-143 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। वहीं प्रथमेश फुगे ने नीदरलैंड के नंबर-1 खिलाड़ी माइक श्लोएसर को हराकर भारतीय तीरंदाजी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया।
प्रथमेश फुगे का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
19वीं वरीयता प्राप्त प्रथमेश फुगे ने सभी 15 तीरों में 10-10 अंक हासिल कर 150 में से 150 अंक जुटाए। यह प्रदर्शन न केवल उनके करियर का सबसे बड़ा पल बना, बल्कि World Archery Championship 2025 का एक ऐतिहासिक क्षण भी रहा।
भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियाँ
- ऋषभ यादव: टीम गोल्ड और मिश्रित टीम सिल्वर के साथ क्वार्टर फाइनल तक का सफर।
- अमन सैनी: शूटऑफ में दबाव झेलते हुए जीत दर्ज कर अगले मुकाबले में पहुँचे।
- प्रथमेश फुगे: विश्व के शीर्ष खिलाड़ी को हराकर विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाई।
भारतीय तीरंदाजी की बढ़ती प्रतिस्पर्धा
World Archery Championship 2025 भारतीय तीरंदाजी के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। खिलाड़ियों की मेहनत और खेल तकनीक में सुधार से भारत अब तीरंदाजी में दुनिया की अग्रणी टीमों में गिना जा रहा है।
भारतीय टीम का मनोबल और कोचिंग
भारतीय कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों को तकनीकी और मानसिक दोनों स्तर पर तैयार किया है। विशेषकर दबाव भरे मैचों में धैर्य बनाए रखना उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी।
भविष्य की उम्मीदें
आगामी मुकाबलों में भारत का लक्ष्य फाइनल तक पहुँचना और पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल करना है। खिलाड़ियों की यह सफलता देशभर के युवा तीरंदाजों को प्रेरणा दे रही है।
आगे की तैयारियाँ और भारत का उज्जवल भविष्य
क्वार्टर फाइनल तक पहुँचने के बाद भारतीय तीरंदाजों के सामने और बड़ी चुनौतियाँ हैं। लेकिन मौजूदा प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारत अब तीरंदाजी की दुनिया में एक बड़ी ताकत बन चुका है। आने वाले ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में इन खिलाड़ियों से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।
निष्कर्ष
World Archery Championship 2025 में भारतीय तीरंदाजों की सफलता केवल पदक जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है। ऋषभ यादव, अमन सैनी और प्रथमेश फुगे का क्वार्टर फाइनल तक का सफर भारत की तीरंदाजी को एक नई पहचान दिलाता है।
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